Check out my inspiring conversation with an NGO empowering lives!

Bridging the Gap: A Powerful Conversation with NGO-SWC 

" बुनियाद:- 2011 में  हमने सोसाइटी की बुनियाद रखी । इन इशूज़ पर काम की ज़रूरत महसूस की गई एजूकेशन हेल्थ अवेअरनेस । अलग अलग डिपार्टमेंट्स बनाए गए । एम्प्लाई के ज़रिए काम का सेटअप बनाया गया क्योंकि ऑनरेरी बेस पर काम नहीं हो सकता था  इसलिए एम्प्लाई स्टृक्चर खडा किया गया और  एसी तन्ज़ीम बनाई गई ।

      शुरूआत:- 2009 में रजिस्ट्रेशन 2011 में । मक्सूद हसन ग़ौरी साहब का गाइडेंस और कलेक्टिव डेवलपमेंट की बात। 2014 में नाज़िम अली साहब ने ज्वाइन किया जो पेशे से मेकेनिकल इंजीनियर हैं उनके आइडियाज़ का असर।

फोकस:- एजूकेशन एम्लाइमेंट, एम्पॉवरमेंट, सोशल वेलफेयर, हेल्थ अवेअरनेस, गवर्नमेंट की स्कीमों की जानकारियाँ लोगों तक पहुंचाना। 40 से ज्यादा प्रोजेक्टस् चलते हैं सालाना । कुछ फयूचर प्लानिंग नीट की कोचिंग के साथ जेईई, आई आई टी, इंग्लिश कोचिंग  भी शुरू कर रहे हैं , रोज़गार दिलाना जो क्वालिफाइड नही होते उनको  450 ठेले दिलवाये जिनमें वो अपना कुछ भी सामान बेच सकते है i  माइक्रोफाइनेंस भी करते हैं बिना इंटरेस्ट लोन प्रोवाइड करते हैं , स्मॉल बिज़नेस सेटअप:- बेसहारा औरतों को टेलरिंग शॉप खुलवाते हैं उससे पहले उनको इसकी ट्रेनिंग देते हैं जिनसे वो अर्निंग कर सकती हैं । बुटिक शॉप की । जॉब वेकेंसीज़ फिल करवाते हैं जिनको । बेनेफिशियरीज़ 1200 से ज़्यादा हैं । हेल्थ:- शिफा क्लिनिक:- छोटे स्लम एरियाज़ में क़़रीब 10 क्लिनिक हैं रोगियों को जाँच होकर दवाईयाँ भी मिल जाती हैं । इमदाद:-क़रीब 1000 घरों में जहाँ कोई कमाने वाला नहीं है पूरे महिने का राशन पूरे साल दिया जाता है । अरफन केअर में यतीम बच्चों को एडॉप्ट कर लेते है उनकी सभी ज़रूरियात का सभी खर्चा वहन किया जाता है । बुज़ुर्गों कोे उनकी ज़रूरत की दवाईयाँ दी जाती हैं । बच्चों को पढाई में दिलचस्पी लाने के लिए उन्हें बेग किताबें कम्पास बॉक्स बाँटे जाते हैं । पुलिस और प्रशासन के साथ  मिलकर जेल के कै़दियों को ज़रूरियात की चीज़ें मुहैया करना ।

अवेेयरनेस:-सरकारी योजना जैसे राशन कार्डसंबल योजनाआयुष्मान योजना आदि की जानकारी ।

चेलेंजेज़:- चेलेंजेज़ तो आते हैं हँसते मुस्कुराते हुए हर्डल का सामना करते है सेल्फमोटिवेशन से ओवरकम करते हैं ।

कंट्रीब्यूशन:-डोनेशन और हेल्पिंग हेंड की हमेशा जरूरत रहती है हमेशा इसका वेलकम करते हैं ।

ख़ास मक़सद:-कलेक्टिव डवलपमेंट हमारा ख़ास मक़सद है । "


A video of the entire conversation has been posted on my Youtube channel. Click here to check that.





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